Contents
- 1 भूरे रंग के चावल (ब्राउन राइस) क्या है – What Is Brown Rice In Hindi
- 2 भूरे और सफेद चावल में अंतर – Difference Between Brown And White Rice In Hindi
- 3 भूरे रंग के चावल के फायदे – Benefits Of Brown Rice In Hindi
- 4 भूरे रंग के चावल के लिए सुझाव – Tips For Brown Rice In Hindi
- 5 निष्कर्ष – Conclusion In Hindi
भूरे रंग के चावल (ब्राउन राइस) क्या है – What Is Brown Rice In Hindi
भूरे रंग के चावल (ब्राउन राइस) के इतिहास और फायदों के बारे में उन सभी लोगों को पता होना जरूरी है, जो इसके सेवन पर विचार कर रहे हैं। चावल एक प्रकार का अनाज है, जिसकी अलग-अलग किस्मों को दुनिया भर में उगाया जाता है। भूरे रंग का चावल अनाज का अन्य प्रकार है, जिसे बहुत कम संसाधित किया गया है। इसका मतलब है कि भूसी यानी बाहरी परत को हटाया नहीं गया है।
यह अनाज पॉलिश या मिल्ड नहीं किया जाता है, जिससे सफेद चावल के मुकाबले इस के चावल में फाइबर और पोषक तत्वों की मात्रा ज्यादा होती है। सफेद चावल की जगह भूरे रंग के चावल खाने से आपको कई फायदे मिलते हैं। यह चावल मैग्नीशियम का बेहतरीन स्रोत है, जो हड्डियों के स्वास्थ्य और ऊर्जा मेटाबॉलिज्म के लिए जरूरी है। इसमें सफेद चावल से ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो टाइप 2 डायबिटीज और दिल की बीमारी के कम जोखिम से जुड़े हैं। भूरे रंग के चावल से रक्त शर्करा स्तर में स्पाइक्स की संभावना कम होती है। इसीलिए, यह डायबिटीज या इंसुलिन प्रतिरोध वाले लोगों के लिए बेहतर विकल्प है।
सफेद चावल के मुकाबले यह चावल ज्यादा फाइबर सामग्री के कारण ज्यादा भरने वाला है। इसका मतलब है कि यह वजन घटाने या वजन प्रबंधन में फायदेमंद हो सकता है। यह चावल पचने में सफेद चावल से ज्यादा समय लेता है, लेकिन इसके कई अन्य फायदे भी हैं। जीवनशैली की आदतों को बदलने के लिए सफेद चावल की जगह इस रंग के चावल को प्राथमिकता देना सबसे आसान और स्वस्थ्य तरीका हो सकता है। पोषक तत्वों से भरपूर यह अनाज मशीनों के माध्यम से नहीं जाता है और लगभग कच्ची अवस्था में ही बिकता है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम भूरे रंग के चावल के इतिहास, फायदे और सुझावों सहित कई विषयों पर चर्चा करेंगे।
भूरे रंग के चावल का इतिहास
सबसे पहले भूरे रंग के चावल की खेती 10,000 साल पहले चीन में की गई थी। इसके बाद यह एशिया के अन्य भागों में फैल गया और आखिर में इसने यूरोप और अमेरिका में अपना रास्ता बना लिया। आज यह कई संस्कृतियों में एक मुख्य भोजन है और दुनिया भर के लोगों द्वारा इसका आनंद लिया जाता है।
न्यूट्रिशनल प्रोफाइल
100 ग्राम कच्चे भूरे रंग के चावल की पोषण संबंधी जानकारी इस प्रकार है:
न्यूट्रिएंट्स | सामग्री |
कार्बोहाइड्रेट | 77ग्राम |
प्रोटीन | 9.16ग्राम |
फैट | 1.24ग्राम |
डायटरी फाइबर | 4.43ग्राम |
विटामिन ई | 0.61मिलीग्राम |
विटामिन बी1 | 0.27मिलीग्राम |
विटामिन बी2 | 0.06मिलीग्राम |
कैल्शियम | 10.93मिलीग्राम |
आयरन | 1.02मिलीग्राम |
मैग्नीशियम | 93.91मिलीग्राम |
भूरे और सफेद चावल में अंतर – Difference Between Brown And White Rice In Hindi
सफेद चावल ज्यादा लोकप्रिय विकल्प है, लेकिन भूरे रंग के चावल को स्वस्थ विकल्प माना जाता है। यह एक संपूर्ण अनाज है, जिसका मतलब है कि अनाज के सभी तीन भाग बरकरार हैं, जैसे ब्रैन, जर्म और एंडोस्पर्म। सफेद चावल को पीसकर ब्रैन और जर्म को हटा दिया जाता है, जिसके बाद सिर्फ एंडोस्पर्म छोड़ दिया जाता है। यह प्रक्रिया भूरे रंग के चावल में पाए जाने वाले कई पोषक तत्वों को खत्म कर देती है।
यह फाइबर, मैग्नीशियम, मैंगनीज और सेलेनियम का अच्छा स्रोत है। इसमें सफेद चावल की तुलना में ज्यादा विटामिन और खनिज भी होते हैं। एक कप पके हुए भूरे रंग के चावल में लगभग 3.5 ग्राम फाइबर होता है। जबकि, सफेद चावल में सिर्फ 0.6 ग्राम होता है। भूरे रंग के चावल में सफेद चावल से कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी होता है। इसका मतलब है कि यह रक्त शर्करा के स्तर में बढ़ोतरी नहीं करेगा। ऐसे में अगर आप एक स्वस्थ विकल्प तलाश रहे हैं, तो सफेद चावल की जगह भूरे रंग के चावल चुनें।
भूरे रंग के चावल के फायदे – Benefits Of Brown Rice In Hindi
इस प्रकार के चावल से आपको कई स्वास्थ्य संबंधी फायदे प्राप्त हो सकते हैं, जैसे:
वजन घटाने में मदद
इस चावल के सेवन से आपको वजन घटाने में मदद मिल सकती है। यह कैलोरी में कम और फाइबर में उच्च है, जो इसे वजन घटाने की कोशिश कर रहे लोगों के लिए एक आदर्श भोजन बनाता है। भूरे रंग के चावल में सफेद चावल के मुकाबले कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है। इसका मतलब है कि यह रक्त शर्करा के स्तर में धीमी बढ़ोतरी का कारण बनता है। यह वजन घटाने के लिए फायदेमंद है, क्योंकि इससे आपकी भूख और लालसा को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
रक्त शर्करा स्तर पर नियंत्रण
जब ब्लड शुगर नियंत्रण की बात आती है, तो इस प्रकार का चावल एक पावरहाउस है। यह साबुत अनाज फाइबर और पोषक तत्वों से भरपूर है, जिससे रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। जब रक्त शर्करा स्तर पर नियंत्रण की बात आती है, तो फाइबर मुख्य विकल्पों में से एक है। यह फाइबर का एक बड़ा स्रोत है, जिसका एक कप आपको 4 ग्राम फाइबर से ज्यादा प्रदान करता है।
फाइबर रक्तप्रवाह में चीनी के अवशोषण को धीमा करने में भी फायदेमंद है, जिससे रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ने से रोकने में मदद मिलती है। इस अनाज में मौजूद पोषक तत्व रक्त शर्करा के स्तर को भी नियंत्रित कर सकते हैं। यह मैग्नीशियम का एक अच्छा स्रोत है, जो इंसुलिन संवेदनशीलता में भूमिका निभाने वाले खनिज है। इंसुलिन प्रतिरोध को टाइप 2 डायबिटीज में योगदान करने वाला प्रमुख कारक माना जाता है। पर्याप्त मैग्नीशियम प्राप्त करके आप अपनी इंसुलिन संवेदनशीलता और रक्त शर्करा स्तर को नियंत्रित रख सकते हैं।
कोलेस्ट्रॉल का स्तर
भूरे रंग के चावल में गामा-ओर्यजेनॉल नामक यौगिक होता है, जिससे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद मिलती है। एक अध्ययन में, जिन प्रतिभागियों ने गामा-ओर्यजेनॉल की खुराक ली, उनमें सप्लीमेंट नहीं लेने वालों की तुलना में कुल कोलेस्ट्रॉल और एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर काफी कम था।
अन्य रिसर्चों से पता चला है कि यह दिल की बीमारी के जोखिम को कम करने में फायदेमंद हो सकता है। वहीं, एक बड़े अध्ययन में पाया गया कि यह चावल खाने वाले लोगों में सफेद चावल खाने वालों के मुकाबले दिल की बीमारी से मरने का जोखिम कम होता है। ऐसे में अगर आप दिल को स्वस्थ रखने वाले अनाज की तलाश कर रहे हैं, तो यह एक अच्छा विकल्प है। हालांकि, आपके लिए ध्यान रखना जरूरी है कि यह कम कैलोरी वाला भोजन नहीं है। इसमें कार्बोहाइड्रेट की भी अपेक्षाकृत ज्यादा मात्रा है, इसलिए यह कम कार्ब आहार वाले लोगों के लिए उपयुक्त खाद्य विकल्प नहीं है।
भूरे रंग के चावल के लिए सुझाव – Tips For Brown Rice In Hindi
अगर आप अपने आहार में ज्यादा साबुत अनाज शामिल करना चाहते हैं, तो भूरे रंग के चावल एक बढ़िया विकल्प है। यह पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और इसमें एक चबाने वाला पौष्टिक स्वाद है। यह स्वाद कई प्रकार के व्यंजनों के साथ अच्छी तरह से चला जाता है। यह चावल बनाने की विधि में निम्नलिखित शामिल हैं:
- चावल को महीन जाली वाली छलनी में धोएं। यह किसी भी गंदगी या मलबे को हटाने में मदद करता है, जो अनाज पर हो सकता है।
- एक मध्यम सॉस पैन में चावल और पानी मिलाएं। तेज आंच पर मिश्रण को उबालने के लिए रख दें।
- उबलने के बाद आंच को कम कर दें और पैन को टाइट-फिटिंग ढक्कन से ढ़क दें। फिर, इसे लगभग 18 मिनट तक उबालें।
- पैन को आंच से उतार लें और इसे 5 मिनट के लिए ढ़का हुआ छोड़ दें। इससे चावल सारा पानी सोख लेंगे और नरम हो जाएंगे।
- चावल को कांटे से फेंटें और इच्छा के अनुसार परोसकर आनंद लें।
क्या भूरे रंग के चावल रोजाना खा सकते हैं?
इस सवाल का कोई एक उत्तर नहीं है, क्योंकि आपको कितने भूरे रंग के चावल खाने चाहिए, यह आपकी उम्त, गतिविधि स्तर और समग्र स्वास्थ्य जैसे कारकों पर निर्भर करता है। हालांकि, आम सहमति यह है कि वयस्कों को प्रति हफ्ते 3 से 5 सर्विंग्स का लक्ष्य रखना चाहिए।
अगर आप अपना सेवन बढ़ाना चाहते हैं, तो शुरू करने के लिए एक अच्छा विकल्प जगह अपने भोजन में सफेद चावल के स्थान पर इसे लेना है। उदाहरण के लिए, अपने स्टिर-फ्राई के साथ सफेद चालव के बजाय इस चावल के उपयोग की कोशिश करें। पोषक तत्वों को ज्यादा बढ़ावा देने के लिए आप इसे सूप और स्टॉज में भी मिला सकते हैं।
निष्कर्ष – Conclusion In Hindi
भूरे रंग के चावल एक स्वस्थ और बहुमुखी अनाज हैं, जिसका उपयोग कई प्रकार के व्यंजनों में किया जा सकता है। यह चावल फाइबर और पोषक तत्वों से भरपूर है, लेकिन इसमें सफेद चावल की तुलना में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है। यह इसे डायबिटीज वाले लोगों के लिए एक अच्छा खाद्य विकल्प बनाता है। यह सफेद चावल की तुलना में ज्यादा पेट भरा हुआ महसूस कराता है। ऐसे में यह वजन को नियंत्रित करने के लिए फायदेमंद है। इसलिए, अगली बार जब आप सफेद के स्वस्थ विकल्प की तलाश कर रहे हों, तो इस भोजन को आजमाने पर विचार करें।
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