पीसीओस और वजन बढ़ना: कारण और सुझाव – PCOS And Weight Gain: Causes And Tips In Hindi

PCOS And Weight Gain

पीसीओएस क्या है – What Is PCOS In Hindi

What Is PCOS?पीसीओस और वजन बढ़ना आमतौर पर एक दूसरे से संबंधित माना जाता है। पीसीओएस एक हार्मोनल डिसऑर्डर है, जो कई महिलाओं को प्रभावित करता है। इससे अनियमित मासिक धर्म चक्र, मुंहासे, बालों का ज्यादा विकास और वजन बढ़ने सहित कई लक्षण पैदा होते हैं। पीसीओएस हार्मोन एस्ट्रोजेन, प्रोजेस्टेरोन और टेस्टोस्टेरोन के असंतुलन की वजह से होता है।

पीसीओएस का सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन शोधकर्ताओं का मानना है कि यह शरीर में इंसुलिन के उच्च स्तर से संबंधित होता है। इंसुलिन प्रतिरोध एण्ड्रोजन यानी पुरुष हार्मोन के उच्च स्तर और एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन जैसे महिला हार्मोन के निम्न स्तर को जन्म दे सकता है। यह हार्मोनल असंतुलन ओव्यूलेशन में रुकावट पैदा होने का कारण बनता है। इसकी वजह से अनियमित माहवारी या माहवारी नहीं होने की समस्या होती है। पीसीओएस के सबसे आम लक्षणों में वजन बढ़ना, चेहरे और शरीर पर ज्यादा बालों का बढ़ना (हिर्सुटिज्म), मुंहासे और अनियमित मासिक धर्म शामिल हैं।

इस हार्मोनल डिसऑर्डर के अन्य लक्षण सिर पर पतले बाल, ओवेरियन सिस्ट, चिंता, अवसाद, बांझपन और नींद संबंधी विकार हैं। अगर आप स्वस्थ खाने और नियमित व्यायाम के बावजूद वजन घटाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, तो इसका कारण पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम यानी पीसीओएस हो सकता है। पीसीओएस एक ऐसी स्थिति है, जो प्रसव उम्र की महिलाओं को प्रभावित करती है। इससे वजन बढ़ने, इंसुलिन प्रतिरोध और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में हम पीसीओएस और वजन बढ़ने के बीच संबंध पर चर्चा करेंगे। साथ ही हम आपको पीसीओएस और वजन प्रबंधन के लिए कुछ सुझाव भी देंगे।

पीसीओएस में वजन बढ़ने के कारण – Causes Of Weight Gain In PCOS In Hindi

पीसीओएस में वजन बढ़ने से संबंधित कुछ कारण नीचे दिए गए हैं:

इंसुलिन प्रतिरोध

पीसीओएस वाली महिलाओं में इंसुलिन प्रतिरोध की संभावना ज्यादा होती है। इंसुलिन प्रतिरोध शरीर को ग्लूकोज तोड़ने से रोक सकता है। इसकी वजह से रक्त में शर्करा के उच्च स्तर और पेट के हिस्से में जमा वसा बढ़ जाती है।

कुछ तरीकों से आप अपनी इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार कर सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • एक स्वस्थ और संतुलित आहार खाएं, जिसमें ताजे फल और सब्जियों, लीन प्रोटीन और जटिल कार्बोहाइड्रेट की भरपूर मात्रा शामिल हो।
  • नियमित व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
  • मीठे पेय और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से बचें।
  • योग या ध्यान जैसी आरामदायक गतिविधियों में शामिल होकर तनाव कम करें।
  • हर रात पर्याप्त नींद लें।

हार्मोनल असंतुलन

Hormonal Imbalanceपीसीओएस वाली महिलाओं में हार्मोन का असंतुलन होता है, जिससे वजन बढ़ सकता है। टेस्टोस्टेरोन में बढ़ोतरी इंसुलिन की संवेदनशीलता में कमी का कारण बनती है, जिससे रक्त शर्करा और वजन बढ़ने का उच्च स्तर होता है।

निम्नलिखित तरीकों से आप अपने हार्मोन को संतुलित कर सकते हैं:

  • एक स्वस्थ और संतुलित आहार लें, जिसमें साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और स्वस्थ वसा शामिल हों।
  • योग या ध्यान जैसी आरामदायक गतिविधियों में भाग लेकर तनाव कम करें।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें और हर रात पर्याप्त नींद लें।
  • दवा या सप्लीमेंट के साथ अपने पीसीओएस लक्षणों को प्रबंधित करें।
  • सिगरेट के धुएं, वायु प्रदूषण और कुछ रसायनों जैसे विषैले पदार्थों के संपर्क में आने से बचें।

तनाव

तनाव वजन बढ़ने को प्रभावित करने के लिए जाना जाता है। पीसीओएस से पीड़ित महिलाएं अक्सर अपने लक्षणों के कारण तनाव के उच्च स्तर का अनुभव करती हैं। यह कोर्टिसोल उत्पादन को बढ़ाता है, जो ऊर्जा के लिए जमा वसा के रिलीज होने को ट्रिगर करता है और इससे वजन में ज्यादा बढ़ोतरी हो सकती है।

कुछ तरीकों से की मदद से आप अपने तनाव के स्तर को कम कर सकते हैं, जैसे:

  • नियमित रूप से व्यायाम करें।
  • हर रात पर्याप्त नींद लें।
  • माइंडफुलनेस या रिलैक्सेशन तकनीक का अभ्यास करें।
  • स्वस्थ और संतुलित आहार लें।
  • समर्थन के लिए दोस्तों और परिवार के सदस्यों से जुड़ें।

कम शारीरिक गतिविधि

Low Physical Activityपीसीओएस वाली महिलाओं में अक्सर थकान और दर्द जैसे लक्षणों के कारण शारीरिक गतिविधि का स्तर कम होता है। कम शारीरिक गतिविधि से वजन में बढ़ोतरी होती है, क्योंकि शरीर फालतू कैलोरी को जलाने में असमर्थ होता है।

नीचे बताए गए तरीके आपके पीसीओएस के लक्षणों को कम करने में फायदेमंद हो सकते हैं:

  • तैरना
  • टहलना
  • योग
  • पिलेट्स
  • ताई ची

खराब डाइट

पीसीओएस वाली महिलाएं ज्यादा प्रसंस्कृत और मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन करती हैं, जो वजन बढ़ाने में योगदान कर सकते हैं। यह खाद्य पदार्थ आमतौर पर कार्बोहाइड्रेट में ज्यादा और जरूरी पोषक तत्वों में कम होते हैं, जो हार्मोन और इंसुलिन स्तर को नियंत्रित करने में फायदेमंद हो सकते हैं। इससे आपका वजन पहसे से ज्यादा बढ़ जाता है।

कुछ खाद्य पदार्थों को पीसीओएस के लिए स्वस्थ माना जाता है, जिनमें शामिल हैं:

  • ताजे फल और सब्जियां।
  • मछली और चिकन जैसे लीन प्रोटीन।
  • साबुत अनाज।
  • जैतून का तेल, नट और बीज जैसी स्वस्थ वसा
  • दही और किमची जैसे किण्वित खाद्य पदार्थ

दवाएं

पीसीओएस वाली महिलाओं को निर्धारित दवाएं दी जा सकती हैं, जो दुष्प्रभावों के रूप में वजन बढ़ा सकती हैं। ऐसे में आपके लिए पीसीओएस के लिए दवा लेने से पहले किसी भी संभावित दुष्प्रभाव और विकल्प के बारे में अपने डॉक्टर से बात करना जरूरी है।

कुछ दवाएं संभावित रूप से आपका वजन बढ़ा सकती हैं, जैसे:

  • कॉर्टिकोस्टेरॉइड
  • एंटीडिप्रेसन्ट
  • गर्भनिरोधक गोलियां
  • इंसुलिन-सेंसिटाइज़िंग दवाएं
  • एंटी-सिज़र दवाएं

मासिक धर्म का बंद होना

महिलाओं की उम्र के रूप में उनके हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं। ऐसे में उन्हें मासिक धर्म बंद होने यानी मेनोपॉज के लक्षणों जैसे गर्म चमक और मिजाज का अनुभव होने की ज्यादा संभावना रहती है। इन हार्मोनल बदलावों से शरीर की कैलोरी को कुशलता से जलाने की क्षमता कम हो जाती है, जिसके कारण आपका वजन भी बढ़ सकता है।

मासिक धर्म बंद होने के बाद हार्मोन को नियंत्रित करने के लिए आप निम्निलिखित चीजें कर सकते हैं:

  • स्वस्थ और संतुलित आहार लें।
  • नियमित व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
  • मीठे पेय और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से बचें।
  • विश्राम तकनीकों के साथ तनाव का प्रबंधन करें।
  • हर रात पर्याप्त नींद लें।

नींद के दौरान सांस रुकना

नींद के दौरान सांस रुकना यानी स्लीप ऐप्निया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें नींद के दौरान थोड़े समय के लिए आपकी सांस रुक जाती है। इसकी वजह से नींद के चक्र में गड़बड़ी होती है और आपको दिन में ज्यादा थकान महसूस होती है। यह कैलोरी जलाने की शरीर की क्षमता को कम और भूख बढ़ाने वाले हार्मोन घ्रेलिन स्तर को बढ़ाकर वजन बढ़ाने में योगदान कर सकता है।

नीचे दिए गए तरीकों से आप अपनी नींद की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं:

  • नियमित सोने की दिनचर्या बनाएं।
  • देर रात कैफीन और शराब पीने से बचें।
  • दिन में नियमित व्यायाम करें।
  • अपने कमरे को ठंडा, अंधेरे वाला और शांत रखें।
  • सोने से पहले अपना स्क्रीन समय सीमित करें।

आनुवंशिकी

कुछ महिलाओं में आनुवंशिक रूप से पीसीओएस विकसित होने की संभावना रहती है। यह उनके वजन बढ़ने के जोखिम को बढ़ा सकता है। ऐसे में पीसीओएस के पारिवारिक इतिहास वाली महिलाओं के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है। कुछ निवारक उपाय इस स्थिति और इसके संबंधित लक्षणों के विकास का जोखिम कम कर सकते हैं।

पीसीओएस के कारण वजन बढ़ने के प्रबंधन का सबसे अच्छा तरीका जीवनशैली में बदलाव करना है। नियमित तौर पर किए गए व्यायाम और संतुलित आहार खाने से आपको पीसीओएस के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा डॉक्टर द्वारा कुछ दवाएं निर्धारित की जा सकती हैं, जो हार्मोन को विनियमित और इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने में फायदेमंद हो सकती हैं। ऐसे में आपके लिए उपचार के सबसे अच्छे तरीके के बारे में अपने डॉक्टर से बात करना जरूरी है। इस प्रकार सही सपोर्ट और लाइफस्टाइल में बदलाव के साथ पीसीओएस के कारण वजन बढ़ने को प्रबंधित किया जा सकता है।

निष्कर्ष – Conclusion In Hindi

पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में कई तरह के कारकों से वजन बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है। हार्मोनल असंतुलन, तनाव, मासिक धर्म का बंद होना और अनुवांशिकी आदि ऐसे कुछ कारक हैं। वजन बढ़ने के प्रबंधन और एक व्यक्तिगत योजना बनाने के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना जरूरी है। इस प्रकार जीवनशैली में बदलाव के साथ महिलाएं अपने स्वास्थ्य पर नियंत्रण रख सकती हैं। साथ ही इससे उन्हें आगे की जटिलताओं के विकास का जोखिम कम करने में भी मदद मिलती है।

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